आपने कभी ना कभी माता मसानी (Masani) या फिर मसान क्रिया के बारे तो सुना ही होगा। तो क्या आपको मालूम है कि आखिर यह सब चीजें क्या होती है। आखिर माता मसानी क्या है? और इसका इलाज क्या है? तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में शुरू से लेकर आखिरी तक पूरी जानकारी देने वाले हैं। आज हम आपको बताने वाले हैं कि, आखिर माता मसानी कौन है? साथ ही साथ हम आपको आज के इस आर्टिकल में माता मसानी के भोग तथा उन्हें प्रसन्न करने के तरीके तथा मसान बीमारी के इलाज के बारे में भी थोड़ी जानकारी देने वाले हैं।
तो यह सभी जानने के लिए आपको इस आर्टिकल को आखिरी तक पढ़ना होगा, तभी आप यह सारी चीजें जान पाएंगे। तो चलिये बिना किसी देरी के आज के इस आर्टिकल को शुरू करते हैं, और जानते हैं कि आखिर माता मसानी कौन है।
माता मसानी कौन है? (Mata Masani Kon hai)
अगर आपने माता मसानी(Masani) का नाम सुना है, तो आपने माता मदानन का नाम भी सुना ही होगा। असल मे माता मसानी(Masani) को ही माता मदानन भी कहा जाता है। यह सभी मसानियो की रानी होती है यानी कि सभी मसानन इनके अंतर्गत ही काम करती हैं। अगर इनके अंतर्गत कार्य करने वाले मसानानो की बात की जाए तो, माता मदानन के अंतर्गत 360 मसानन कार्य करते हैं।
यह सुनकर आपको लगता ही होगा कि यह सारे मदानन कोई देवी या देवता है। लेकिन ऐसा नहीं है। यह कोई देवी-देवता नहीं होते, बल्कि यह वह स्त्रि होती है जो कि विद्या या फिर मसान देवी देवताओं की अर्चना करती है, एवं उनकी पूजा करती है। अगर किसी घटना के कारण उनकी मृत्यु हो जाती है, तो यही स्त्रि यानी कि हम कह सकते हैं कि उनकी आत्मा माता मसानी के अंतर्गत कार्य करने लग जाती है। जिसे कई लोग चुड़ैल आत्मा भूत प्रेत के तौर पर भी समझते हैं।
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क्या मसानी को काटना आसान है ?
कई बार लोगों आपने लोगो को यह कहते तो सुना ही होगा कि, उन्होंने मसानी (Masani) को काट दिया। उन्होंने मसानी को भगा दिया। उन्होंने मसानी को जड़ से खत्म कर दिया। पता नहीं लोग क्या-क्या कहते रहते हैं। उन्हें कभी भी यह नहीं कहना चाहिए कि उन्होंने मसानी को काट दिया है, या फिर भगा दिया है बल्कि उन्हें ऐसा कहना चाहिए कि हमने मसानी के रोग को दूर कर लिया है, और उससे मुक्ति पा ली है।
हम आपको यह बता दें कि जो यह मसानी का रोग होता है। यह मसानी माता के अंतर्गत उनके नीचे की शक्तियां ही होती है। जिन्हें कई लोग भूत प्रेत चुड़ैल के रूप में जानते हैं। भले ही इनके पास माता मसानी के मुकाबले बहुत ही कम शक्तियां होती है, लेकिन यह शक्तियां इतनी भी कम नहीं होती कि उसे कोई भी व्यक्ति आसानी से काट लें। मसानी को काटना बहुत ही मुश्किल का कार्य होता है। क्योंकि माता मसानी के आगे बड़े-बड़े देवी देवता भी हार मान जाते हैं। उनकी कृपा के बिना किसी भी देवी देवताओं की शक्ति हमारे तक नहीं पहुंच सकती है।
इससे आपको यह तो पता चल ही गया होगा कि माता मसानी को काटना आसान है या मुश्किल। जी हां आपने सही समझा मसानी की काट यानी कि उस रोग से मुक्ति मुमकिन है लेकिन आसान नहीं।
मसान क्रिया क्या होती है ? (Masan Kriya Kya Hoti Hai)
हमने कभी ना कभी यह तो सुना ही होगा कि कई लोग मसान (Masani) क्रिया करते हैं, या फिर किसी के ऊपर मसान क्रिया किया जाता है। तो आपको क्या यह मालूम है कि मसान क्रिया आखिर होती क्या है? और आखिर इसे कौन करता है? और इसे क्यों किया जाता है। तो हम आपको बता दें कि मसान क्रिया सोचने में भले ही हमें ज्यादा खतरनाक ना लगता हो। लेकिन यह बहुत ही ज्यादा खतरनाक काला जादू होता है। इसे कोई आम इंसान नहीं कर सकता। इसे सिर्फ वही इंसान कर सकता है जो कि शमशान विद्या जानता हो।
अब आप यह सोचते होंगे कि आखिर श्मशान विद्या जानने वाला व्यक्ति यह क्रिया करता क्यों है ल? तो हम आपको बता दें कि मसान क्रिया किसी दूसरे व्यक्ति के ऊपर प्रयोग की जाती है, ताकि उस व्यक्ति के सारे काम बिगड़ जाए, और उसके घर में कभी भी खुशी का माहौल ना हो, और उसके सभी कार्य अशुभ हो।
अब आप सोचते होन्गे कि आखिरी यह कैसे किया जाता है। तो हम आपको यह बता दें कि यह क्रिया श्मशान विद्या जानने वाले व्यक्ति के द्वारा, शमशान में मौजूद भटकते प्रेत आत्माओं को दास बनाकर किया जाता है। इसका प्रयोग किसी व्यक्ति पर किया जाता है, जिससे कि उस घर में भूत का साया आ जाता है, और उसकी वजह से कभी भी उस व्यक्ति का कोई भी कार्य शुभ नहीं होता है। सभी काम में कुछ ना कुछ अशुभ होता है। कई स्थितियों में तो व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। इसलिए यह बहुत ही खतरनाक और जानलेवा काला जादू है।
आखिर कौन है चौराहे वाली माता (Choraye Vali Mata) ?
चलिए हमने आपको माता मसानी (Masani) के बारे में तो बता ही दिया है। तो अगर हम इस बारे में बात कर ही रहे हैं तो हम आपको चौराहे वाली माता के बारे में भी बता देते हैं। आपने कभी ना कभी लोगों के मुंह से चौराहे वाली माता के बारे में तो सुना ही होगा, कि चौराहे वाली माता को भोग लगाने से यह होता है। चौराहे वाली माता को भोग लगाने से वह होता है। आपने कई सारी ऐसी ऐसी बातें सुनी होगी जिसे सुनकर आपके दिमाग में यह ख्याल तो आया ही होगा, कि आखिर चौराहे वाली माता कौन है?
तो आपकी जानकारी के लिए हम आपको बताना चाहेंगे कि, चौराहे वाली माता का नाम चौगान माता है। इन्ही को हम चौराहे वाली माता के नाम से जानते हैं। कुछ जातियो के लिए चौराहे वाली माता ( चौगान माता) उनकी लोक देवी होती है। उनके लिए वे जाति वाले लोग किसी विशेष अवसर पर उनके लिए भोग भी तैयार करते हैं, और उनको भोग भी लगाते हैं, और लोगों का ऐसा मानना है कि उन्हें भोग लगाने से वह बहुत ही ज्यादा प्रसन्न होती हैं, और हमारे घर के सारे दोषो को समाप्त करती है, तथा हमारे घर में कभी भी कोई नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है।
साथ ही साथ कई लोग तो अपने बच्चों के नाम से भी चौगान माता को भोग लगाते हैं। क्योंकि मान्यता है कि घर के बच्चों के नाम से उन्हें भोग लगाने पर चौगान माता बच्चों के दोषों को दूर करती है। अगर किसी बच्चे को कोई समस्या है, तो उसके नाम का भोग चौगान माता को लगाना चाहिए। जिससे कि चौगान माता उस बच्चे के सभी दोषों को दूर करती हैं।
शीतला माता कौन है ? उन्हें क्या भोग लगाया जाता है।
शीतला माता कई जातियो के लिए उनकी लोक देवी होती है। जीनको वह प्रसन्न करते हैं, और ऐसी मान्यता है कि उन्हें प्रसन्न करने से वह घर के सभी दोषो को समाप्त करती है, और घर में शांति रहती है। तो अगर बात करें शीतला माता को कौन-कौन से भोग लगाए जाते हैं। तो उन्हें भोग के रूप में मीठे पकवान जैसे कि मीठे भात, गुलगुला आदि लगाए जाते हैं। साथ ही साथ इन्हें भोग में राबड़ी एवं मूंग दाल आदि भी बेहद पसंद है। जिससे कि वह प्रसन्न होती हैं और घर में शांति का माहौल बना रहता है।
कई लोग मानते हैं कि माता मसानी की समस्या शीतला मां के प्रकोप से ही होती है। इसलिए अगर बीमार व्यक्ति के नाम पर इन्हें भोग लगाया जाए, तो उसे इस रोग से मुक्ति मिलती है, और उसे शीतलता की प्राप्ति होती है। इसलिए संबंधित व्यक्ति के नाम पर इन्हें भोग लगाया जाता है और भोग के रूप में इन्हें नारियल, चावल, आटा आदि भोग लगाया जाता है।
आखिर क्या होता है मसान रोग ?
आपने किसी न किसी को यह बोलते तो सुना ही होगा कि, उन्हें मसान रोग है, या उन्हें मसान बीमारी हो गई है। किसी ने उनके ऊपर मसान क्रिया कर दिया है। तो क्या आपको मालूम है कि मसान बीमारी क्या होती है। तो हम आपको बता दें कि इस बीमारी को हम इस प्रकार समझ सकते हैं की यह हमारे ऊपर भूत प्रेत का साया ही होता है। जो कि शमशान विद्या जानने वाला व्यक्ति के द्वारा हमारे ऊपर प्रयोग किया जाता है।
जैसा कि हमने आपको मसान क्रिया में बताया है। जिस व्यक्ति को यह मसान की बीमारी होती है, उस व्यक्ति के घर में कभी भी शांति का माहौल नहीं रहता है। संबंधित व्यक्ति को सपने भी बहुत ही ज्यादा अशुभ आते हैं। जैसे कि वह सपने में देखता है कि वह खुद ही सीढ़ी से गिर गया। कई बार तो व्यक्ति को बहुत जोर से पेट में दर्द होता है, जिसकी वजह से उसे बहुत ज्यादा पीड़ा होती है, और वह बहुत ही ज्यादा चिड़चिड़ा भी हो जाता है। यह बीमारी बहुत ही ज्यादा खतरनाक होती है। इसका इलाज जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी करवाना चाहिए। इसके इलाज के बारे में भी हमने आपको आगे इस आर्टिकल में जानकारी दी है। इसलिये इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
मसान रोग के लक्षण
आप सोचोगे कि हमें कैसे पता चलेगा कि किसी ने हमारे ऊपर मसान क्रिया कर दी है और हमें यह खतरनाक बीमारी लग गई है। तो हम आपको बता दें कि मसान बिमारी के कुछ लक्षण होते हैं, जिसकी मदद से इसकी पहचान की जा सकती है, और जितना जल्दी हो सके इसका इलाज किया जा सकता है।
1: जो व्यक्ति इस रोग से ग्रसित होता है, यानी कि जिसके ऊपर मसान क्रिया की जाती है। उस व्यक्ति को कभी भी अच्छे सपने नहीं आते हैं। सपने में भी उसको अशुभ चीजें ही दिखाई देती है जैसे कि खुद का सीढ़ी से गिर जाना है या अन्य अशुभ दृश्य।
2: संबंधित ग्रसित व्यक्ति को हमेशा पेट दर्द एवं सिरदर्द की समस्या रहती है। साथ ही साथ कभी कभी उसके पैरों में भी बहुत ही ज्यादा दर्द होता है। जिसकी वजह से उसे बहुत ज्यादा पीड़ा होती है, साथ ही साथ वह बहुत ज्यादा चिड़चिड़ा भी हो जाता है। वह किसी से भी सही से बात नहीं करता है।
3: कई बार पीड़ित व्यक्ति के आसपास या फिर उसे कपड़ों से बहुत ही गंदी बदबू आती है। जो लोगों से तथा उस खुद व्यक्ति से भी सहन नहीं होती। उसका दम घुटने लगता है। यह बदबू बहुत ही गंदी होती है, यह बदबू इस प्रकार की होती है जैसे कि किसी सड़े जानवर के मास से बदबू आती है।
4: जो व्यक्ति इस रोग से ग्रसित होता है, वह कभी भी सीधे नहीं चलता है। वह हमेशा थोड़ा झुक कर ही चलेगा। जिससे कि इसका पता लगाया जा सकता है। वैसे तो यह किसी और कारण से भी हो सकता है, लेकिन यह इसका एक लक्षण है और कई बार वह व्यक्ति अपने पैरों को कुछ ज्यादा ही खींचकर चलने लगता है, जोकि इसका एक मुख्य लक्षण है।
मसान बीमारी को कैसे हटाए ?
अगर इस बीमारी से मुक्ति पाने की बात की जाए, तो इस बीमारी के इलाज के लिए आपको संबंधित माता मसानी को भोग लगाना होता है। ताकि आपको इस बीमारी से छुटकारा मिल सके। लेकिन सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि यह प्रकोप आपको किस मसानी की वजह से हुआ है। यह जानने के लिए आपको किसी तांत्रिक के पास जाना होगा, जहां वह आपको यह पता करके बताएगा कि आखिर आपके ऊपर किस मसानी का प्रयोग हुआ है। फिर आपको उन्हें भोग लगाना है, और उन्हें प्रसन्न करना है। ताकि आपको इस बीमारी से छुटकारा मिले, और अगर किसी स्थिति में तांत्रिक भी यह नहीं बता पाता है कि आपके ऊपर कौन सी मसानी का प्रयोग किया गया है। तो ऐसी स्थिति में वह आपको माता मदानन को भोग लगाने को कहेगा, जोकि सभी मसानियो की रानी होती है, और जिनकी बात कोई भी मसानी नहीं काटती है। लेकिन आपको खुद ब खुद ही अपने से इन कार्यों को नहीं करना है। आपको किसी जानकार व्यक्ति या किसी तांत्रिक से सलाह लेने के बाद ही सभी कार्यों को करना है। नहीं तो आप और भी बड़े मुसीबत में पड़ सकते हैं।
चेचक बीमारी का इलाज
चेचक बीमारी के बारे में तो आपने सुना ही होगा। इसे गांव देहात में माता या फिर माता मसानी के नाम से जाना जाता है, और कई लोग का तो यह मानना है कि यह बिमारी पूरे जीवन काल में एक न एक बार यह जरुर होती है। लेकिन विज्ञान यह नहीं मानता है।
अगर बात करें इसके ईलाज की तो, लोगों का मानना है कि यह बीमारी शीतला मां के प्रकोप से होता है, और इसका समाधान भी माता शीतला के पास ही होता है। इसके समाधान के लिए लोग ग्रसित व्यक्ति के नाम पर माता शीतला को भोग के रूप में नारियल, चावल, आटा, आदि लगाते हैं। जिससे कि उस व्यक्ति को उस बीमारी से राहत मिलती है, और धीरे-धीरे वह बीमारी पूरी तरह समाप्त हो जाती है।
आपको यह तो पता ही होगा कि शीतला माता अपने हाथों में चार चीजें धारण करती हैं। पहला सुप, दूसरा नीम के पत्ते, तीसरा कलरश और चौथा झाड़ू, और इन्हीं सभी चीजों की मदद से ही इस बीमारी का इलाज किया जाता है। इन सभी चीजों का संबंध इस बीमारी को ठीक करने से ही है। हम आपको बता दें कि कलश के जल से बीमार व्यक्ति को शीतलता मिलती है, यानी की ठंडक पहुंचती है। साथ ही साथ सुप की मदद से उस व्यक्ति को हवा किया जाता है, ताकि उसे और भी ज्यादा शीतलता मिले। झाड़ू की वजह से चेचक फटने लगते हैं, और नीम की पत्तियां उन्हें सड़ने से बचाती हैं। इस तरह यह पूरी बीमारी ठीक होती है। इसीलिए कहा जाता है कि यह बीमारी होने से हमें शीतला माता को भोग लगाना चाहिए, और उन्हें प्रसन्न करना चाहिए। ताकि उनकी कृपा से यह बीमारी पूरी तरह समाप्त हो जाये।
माता मसानी चौगानन के मंदिर कैसे जाएं।
आपको यह तो मालूम ही होगा कि माता मसानी चौगानन का सबसे प्रसिद्ध मंदिर गुड़गांव में स्थित है, और इस मंदिर के इतिहास की बात की जाए तो इसका इतिहास बहुत ही ज्यादा पुराना है। मान्यता है कि इसका इतिहास महाभारत काल का है। यह मंदिर शीतला मंदिर के पास में ही मौजूद है। अगर इन दोनों मंदिरों के बीच की दूरी की बात की जाए, तो दोनों के बीच लगभग आधा किलो मीटर का ही डिस्टेंस है। तो आप एक ही जगह जाकर शीतला माता एवं माता मसानी दोनों के दर्शन कर सकते हैं।
तो अगर आप इनके दर्शन करना चाहे, तो इसके लिए आपको गुड़गांव आना होगा। जहां आने के लिए आपको ट्रेन और मेट्रो की अच्छी सुविधा देखने को मिल जाएगी। आप ट्रेन या मेट्रो की मदद से गुड़गांव आ सकते हैं, जहां आने के बाद आपको चौगानन मंदिर तक के लिए आसानी से ऑटो देखने को मिल जाएगी। जिसकी मदद से आप आसानी से मंदिर जाकर माता मसानी एवं शीतला माता दोनों के दर्शन कर सकते हैं।
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