आपको यह तो मालूम ही होगा कि भारत के हरियाणा क्षेत्र में कितना ज्यादा वायु प्रदूषण होता है। यह सब वहां के किसानों की मजबूरी के वजह से होता है, क्योंकि जब वह खेती कर लेते हैं, और जब लास्ट में फसल काटने के बाद खेत में पराली बच जाती है, वह उसे जला देते हैं। और वैसे तो ऐसा करने के अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं होता है। क्योंकि पराली को काटने के लिए सरकार द्वारा किराए पर जो मशीन दी जाती है, उसका किराया बहुत ज्यादा होता है। जो कि छोटे किसान अफोर्ड नहीं कर सकते हैं। इसलिए उन्हें पराली को जलाना ही पड़ता है। लेकिन इससे हरियाणा का वातावरण बहुत ज्यादा दूषित हो गया है, ऐसी गंभीरता को देखते हुए सरकार ने पराली प्रबंधन योजना को लागू किया है। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि खेत में फसल काटने के बाद लास्ट में जो पराली बच जाती है, उसे अब किसान सरकार को बेच सकते हैं। जिसके बदले में सरकार उन्हें एक निश्चित राशि देने का वादा करती है। तो आज की इस आर्टिकल में हम आपको इसी योजना से संबंधित कुछ जानकारी देने वाले हैं, तो पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
क्या है पराली प्रबंधन योजना (Kya hai Parali Prabhandan Yojna)
इस योजना को पराली (Parali) बेच प्रोत्साहन योजना के नाम से भी जाना जाता है। जिसकी शुरुआत 2021 के अक्टूबर महीने में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी के द्वारा किया गया था। इस योजना के अंतर्गत फसल काटने के बाद जो खेत में पराली बचती है, उसे किसानों के द्वारा ना जलाकर उसे वह सरकार को बेच सकते है। जिसके बदले सरकार उन्हे एक एकड़ जमीन पर 1000 रुपय तक की राशि का भुगतान करती है, इस योजना से किसानो को तो लाभ होगा ही और साथ ही साथ इससे हमारे वातावरण को भी बहुत ज्यादा फायदा हो रहा है। क्योकि पराली को जलाने से बहुत ज्यादा प्रदूषण होता है, जिससे कि कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां हो सकती है। इसलिए यह योजना हमारे वातावरण के लिए भी बहुत ज्यादा फायदेमंद है।
हरियाणा पराली प्रबंधन योजना के उद्देश्य (Haryana Parali Prabhandan Yojna ke Udhesya)
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है हरियाणा एवं दिल्ली जैसे क्षेत्रों में बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकना। क्योंकि बचे हुए पराली को किसान जला देते हैं, जिससे कि वातावरण बहुत ज्यादा प्रदूषित होता है। जिससे कि कई प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां जैसे कि सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा आदि का खतरा बना रहता है, और ठंड के दिनों में प्रदूषण के कारण लोगों को कहीं आने जाने में भी बहुत सारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जिससे कि कई बार एक्सीडेंट होने का भी डर बना रहता है। इसलिए सरकार ने इस योजना को लागू किया है, ताकि किसानों को पराली की कीमत देकर उनकी कुछ सहायता भी की जा सके ताकि वह आत्मनिर्भर बने, और सबसे बड़ा उद्देश्य की प्रदूषण को रोका जा सके।
हरियाणा पराली प्रबंधन योजना के लाभ (Haryana Parali Prabhandan Yojna ke Labh)
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- इस योजना का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि, इस योजना के अंतर्गत किसान पराली को नहीं जलाएंगे, जिससे कि वायु प्रदूषण बहुत कंट्रोल में आ जाएगा,और वातावरण शुद्ध रहेगा।
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- इस योजना का दूसरा फायदा यह है कि, पहले किसान पराली को जला देते थे, जिससे उन्हें कुछ प्राप्त नहीं होता था। लेकिन अब वह उसे सरकार को बेच सकेंगे, जिससे कि सरकार के द्वारा उन्हे प्रति एकड़ पराली पर 1000 रुपय की राशि प्रदान की जाएगी। हरियाणा सरकार ने यह भी बताया है कि, अब कई कंपनियां आ चुकी है, जो किसानों से पराली लेने के बदले उन्हें अच्छा पैसा देती है, जिससे कि किसानों को भी लाभ होता है।
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- सरकार के द्वारा प्रत्येक एकड पराली मे दी जाने वाली राशि, यानी कि 1000 रुपय से किसानों की बहुत ज्यादा मदद हो सकेगी, और वह आत्मनिर्भर बन पायेंगे।
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- इस योजना के अंतर्गत किसान अपने खेत की पराली का बंडल बनाकर सरकार को बेच सकते हैं। जिससे कि सरकार द्वारा उन्हें प्रति क्विंटल 50 से 100 रुपय तक की राशि प्रदान की जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत जुड़कर योजना का लाभ कैसे प्राप्त करे। (Haryana Parali Yojna ka Labh kaise Uthaye)
अगर आप इस योजना मे शामिल होकर पराली बेचकर लाभ कमाना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे पहले आपको इनके अधिकारिक वेबसाइट जोकि “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” है। इस वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा, और उसमें जाकर प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। जिसके बाद आप ऑनलाइन पराली बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। जिसकी प्रक्रिया आपको आगे बताई गई है। आप इस प्रक्रिया से पराली बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं-
पराली बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्टर कैसे करें (Parali Benchne ke liye online Registration Kaise Kare)
1: जब आपको प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाता है, उसके बाद आपको ऑनलाइन पोर्टल पर जाना होगा। इस पोर्टल में सबसे पहले आपको अपने खेत के पराली को सही निष्पादन करने के लिए पंजीकरण करवाना होगा। जिसके बाद ही आप इसे आगे सरकार को बेच पाएंगे।
2: यहां आपको और कुछ जानकारी देनी होगी, जैसे कि आपको अपने खेत के कुल धान का रकबा, एवं खाता नंबर जैसी जानकारियां भी यहां देनी होगी।
3: उसके बाद आपने जो भी जानकारी दी है, उसका सत्यापन ग्राम पंचायत के द्वारा निर्धारित टीम के द्वारा किया जाएगा, और फिर सत्यापन करने के बाद जानकारी को जिला स्तरीय कमेटी के पास भेज दिया जाएगा।
4: जिला स्तरीय कमेटी आपके द्वारा दी गई जानकारी की सत्यापन करेगी, और सत्यापन होने के बाद अगर आप की पूरी जानकारी सही है, तो उसके बाद निर्धारित की गई राशि आपके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
Conclusion
उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी यह जानकारी समझ में आई होगी, और आपको इस आर्टिकल से कुछ नया जानने को मिला होगा। तो अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो, तो इसे शेयर जरूर करें। ताकि अन्य लोगों को भी इस योजना के बारे में जानकारी मिल सके, और अगर कोई इस योजना के अंतर्गत शामिल होना चाहे, तो वह आसानी से हो सके।